आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक शांति की लड़ाई में भारत नेतृत्व को तैयार

आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक शांति की लड़ाई में भारत नेतृत्व को तैयार
1. सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडलों की पहल:
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है — सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के सांसदों के सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल को अंतरराष्ट्रीय राजधानियों में भेजने का निर्णय लिया गया है।
इस पहल का उद्देश्य:
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पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकजुट राय को वैश्विक मंच पर पेश करना।
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भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और राजनीतिक एकता का प्रदर्शन।
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पाकिस्तानी दुष्प्रचार का सटीक और प्रभावशाली जवाब देना।
2. रणनीतिक और कूटनीतिक महत्व:
यह पहल भारत की रणनीतिक कूटनीति को मजबूत करेगी और वैश्विक समुदाय के सामने पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों के ठोस सबूत प्रस्तुत करेगी।
भारत यह स्पष्ट करेगा कि आतंकवाद केवल भारत का नहीं, बल्कि वैश्विक शांति का संकट है।
3. सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार का जवाब:
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पाकिस्तान और उसके समर्थकों द्वारा सोशल मीडिया पर झूठ फैलाया जा रहा है, जिसका जवाब भारत को ही देना होगा।
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हरियाणा पुलिस द्वारा ट्रैवल ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी जैसे मामले इस खतरे को उजागर करते हैं कि कैसे कुछ लोग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पाकिस्तान की दुष्प्रचार मशीनरी में शामिल हो जाते हैं।
4. राजनीतिक एकता की आवश्यकता:
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कुछ दलों में जैसे शशि थरूर को लेकर कांग्रेस में उभरी असहमति को अनावश्यक बताया गया है।
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लेखक का मानना है कि इस मुद्दे पर राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर एकजुटता ज़रूरी है।
5. वैश्विक प्रभाव:
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यह पहल उन देशों पर भी राजनयिक दबाव बनाएगी जो आतंकवाद का प्रत्यक्ष या परोक्ष समर्थन करते हैं।
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भारत एक स्पष्ट संदेश देगा कि वह वैश्विक शांति के लिए नेतृत्व करने को तैयार है।
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