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जननायक के पांच दशक का स्वर्णिम सफर
साल 19७२ में कोटा में जननायक समाचार पत्र का प्रकाशन शुरू हुआ। उद्देश्य वही था पीडित-शोषित आम लोगों की पीडा को स्वर देना। जननायक ने मुखरता से लोगों के मुद्दों को आवाज दी और हाड़ौती वासियों ने जननायक को काफी स्नेह दिया। जननायक ने भी अपने नाम के अनुरूप जनता का प्रतिनिधि बन कर प्रशासन एवं जनता के बीच सेतु की भूमिका को निभाया।तब से अनवरत एशियन न्यूज मीडिया प्रा. लि. के माध्यम से जननायक लोगों की सेवा में जुटा हुआ है।
जननायक का प्रकाशन खेड़ली फाटक स्थित आनंद भवन में किराये के भवन में शुरू हुआ। प्रकाशन के लिए सिलेंडर मशीन की स्थापना की। हाड़ौती वासियों का असीम प्यार मिलने से जननायक फलता फूलता रहा तथा 1984 में स्टेशन रोड़ स्थित अपने स्वंय के जननायक भवन परिसर में रोटरी मशीन से प्रकाशित होने लगा। कोटा के बाद नया संस्करण 1981 में चित्तौडगढ़़ से प्रारंभ किया, जो आज तक निरंतर प्रकाशित हो रहा है। 1992 में जननायक द्वारा कोटा में फुल साइज की सीटफेड ऑफसेट प्रिंटिग मशीन की स्थापना की, इतनी बड़ी साइज की कोटा में पहली सीटफेड ऑफसेट प्रिटिंग मशीन थी।बाद में सीटफेड ऑफसेट मशीन को चित्तौडगढ़़ संस्करण के लिए भेज दिया गया। इसी बीच जननायक के जयपुर संस्करण का भी प्रकाशन प्रारंभ किया गया।यह भी निरंतर प्रकाशित हो रहा है। 2015 में जननायक लघु औद्योगिक क्षेत्र स्थित अपने वर्तमान भवन में स्थानांतरित हो गया। यहां बेहतरीन आधुनिक उन्नत मशीन स्थापित की गई और विशाल भवन में सभी विभागों को एक छत के नीचे ला कर व्यवस्थित किया गया। समाचार पत्र के निदेशक महेश शर्मा के नेतृत्व में समाचार पत्र नित नई ऊंचाईयों को छू रहा है। शर्मा के नेतृत्व में ही 12 अक्टूबर 2021 को जननायक ने समाचारों की डिजीटल दुनिया में कदम रखा। समाचार पत्र का डिजीटल चेनल का प्रसारण आरंभ हुआ।
जननायक हमेशा से ही आम लोगों शोषित और पीडित लोगों के मुद्दे को मजबूती से आवाज देता रहा है।कोटा में बंद हुए कारखाने जेके उद्योग के पूर्व कर्मचािरयों की पीड़ा को पूरी ताकत के साथ जननायक ने उठाया और मजदूरों के हित की लड़ाई को समाचार अभियान बना कर लड़ा। जननायक ने जिन मुद्दों को उठाया। उन्हें देश की अदालतों ने भी वकीलों के जरिए स्वीकार किया। मजदूरों को उच्चतम न्यायालय से न्याय मिला। कोटा के लघु उद्योग क्षेत्र में उद्योगों को खत्म कर बिना अनुमति बनाए गए हॉस्टल्स और अन्य व्यवसायिक और निजी गतिविधियों के मामले में नियमों के इतर काम कर शहर के औद्योगिक वातावरण को खत्म करने के मामले को भी उठाया। कोटा उद्योग नगरी से अब शिक्षा नगरी में परिवर्तित हो चुका है। ऐसे में कोटा में बाहर से आने वाले छात्र छात्राओं की आत्महत्या के मामले को नियमित समाचार अभियान के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है। जननायक ने अपनी धारदार पत्रकारिता से इस मुद्दे को प्रकाशित किया। इसके बाद राज्य सरकार भी अपने स्तर पर इस समस्या को दूर करने के तरीकों पर विचार कर ही है। इसके अलावा सामाजिक सरोकार के क्षेत्र में भी जननायक की भूमिका रही है। सुबह की सैर करने आने वाले हजारों लोगों के रक्तशर्करा और रक्तचाप की जांच कर उन्हें जागरूक किया गया। लोगों की आवाज को मजबूती देने के लिए निरंतर टॉक शो कराए जा रहे हैं। समस्त हाडोती के अभिभाषकों और न्यायिक अधिकारियों के लिए क्रिकेट प्रतियोगिता गत तीन वर्ष से क राई जा रही है।