ऑपरेशन सिंदूर" को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है

"ऑपरेशन सिंदूर" को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है, जिसमें भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी "जीरो टॉलरेंस" नीति पर जोर दे रहा है, वह बिल्कुल सही है। यह एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है जो दोनों देशों के बीच मौजूदा संबंधों को दर्शाता है।
यहाँ "ऑपरेशन सिंदूर" और भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है:
ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
"ऑपरेशन सिंदूर" भारतीय सशस्त्र सेनाओं द्वारा 6-7 मई 2025 की रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में किए गए एक सैन्य हवाई अभियान का कोडनेम है। भारत ने स्पष्ट किया है कि इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में स्थित उन आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाना था, जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई जाती थी और आतंकवादियों को भेजा जाता था।
यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए एक आतंकवादी हमले के जवाब में किया गया था, जिसमें निर्दोष लोगों की जान गई थी। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना की संयुक्त ताकत ने पाकिस्तान और PoK में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को सटीकता से निशाना बनाकर ध्वस्त कर दिया।
"सिंदूर" नाम का महत्व: ऑपरेशन को "सिंदूर" नाम देने का एक प्रतीकात्मक महत्व है। यह नाम पहलगाम हमले में पुरुषों को उनके परिवारवालों के सामने सिर पर गोली मारने और महिलाओं का सिंदूर छीनने के संदर्भ में दिया गया है। इसका उद्देश्य यह संदेश देना था कि भारत, आतंकवादियों को उसी सिंदूर की कीमत समझाते हुए आतंक के ठिकानों को तबाह करेगा और यह भी कि महिलाओं के सम्मान पर बुरी नजर डालने का क्या अंजाम होगा।
भारत की "जीरो टॉलरेंस" नीति:
"ऑपरेशन सिंदूर" भारत की आतंकवाद के प्रति "जीरो टॉलरेंस" (शून्य सहिष्णुता) नीति का एक स्पष्ट उदाहरण है। भारत ने हमेशा यह स्पष्ट किया है कि वह आतंकवाद को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा मानता है और किसी भी कीमत पर इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।
इस नीति के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
- आतंकवादी ढांचों पर सीधा हमला: भारत अब आतंकवादियों के ठिकानों की परवाह किए बिना, चाहे वे कहीं भी स्थित हों, उनके खिलाफ पूर्व-निर्धारित और चौंकाने वाले हमले करने का अधिकार सुरक्षित रखता है। "ऑपरेशन सिंदूर" इसी का एक प्रमाण है, जहां सीमा पार आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
- बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं: भारत ने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, तब तक उसके साथ किसी भी तरह की सार्थक बातचीत संभव नहीं है।
- अंतर्राष्ट्रीय मंच पर दबाव: भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लगातार पाकिस्तान द्वारा पोषित आतंकवाद का मुद्दा उठाता रहा है और दुनिया को पाकिस्तान की वास्तविक तस्वीर दिखाने का प्रयास करता है।
- प्रॉक्सी वॉर को युद्ध मानना: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान द्वारा पोषित आतंकवाद कोई परोक्ष युद्ध नहीं, बल्कि एक सोची-समझी युद्ध रणनीति है और भारत उसी के अनुसार जवाब देगा।
- बड़ी कीमत चुकानी होगी: विदेश मंत्री एस. जयशंकर सहित भारतीय नेतृत्व ने कई बार दोहराया है कि आतंकवाद को पालने-पोसने और उसे अपने हितों के लिए इस्तेमाल करने वालों को अब "बड़ी कीमत चुकानी होगी"।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और वर्तमान स्थिति: पाकिस्तान ने इन हमलों को "युद्ध की कार्रवाई" कहा है और जवाबी कार्रवाई करने की धमकी दी है। दोनों देशों के बीच सैन्य मुद्रा दिखाई गई है, पाकिस्तान ने बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया है और भारत ने सैन्य अभ्यास किया है। नियंत्रण रेखा के पास गोलाबारी की खबरें भी आई हैं। यह सब दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को दर्शाता है।
कुल मिलाकर, "ऑपरेशन सिंदूर" भारत की आतंकवाद के खिलाफ आक्रामक और निर्णायक नीति का एक नया अध्याय है, जो यह दर्शाता है कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आतंकवाद के खतरों को खत्म करने के लिए दृढ़ है।
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