पूर्वोत्तर भारत में लगातार हो रही मानसूनी बारिश ने व्यापक तबाही मचाई है

जून 2, 2025 - 13:55
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पूर्वोत्तर भारत में लगातार हो रही मानसूनी बारिश ने व्यापक तबाही मचाई है

पूर्वोत्तर भारत में लगातार हो रही मानसूनी बारिश ने व्यापक तबाही मचाई है, जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर भूस्खलन और अचानक बाढ़ आई है। असम और अरुणाचल प्रदेश सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में से हैं।

वर्तमान स्थिति (जून 2, 2025 तक):

    भारी बारिश का कहर: पूर्वोत्तर भारत के राज्यों जैसे असम, मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में पिछले कुछ दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इन क्षेत्रों के लिए आगे भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, कई जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किए गए हैं।

जान-माल का नुकसान:

    मृत्यु: इस मानसूनी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण अब तक कम से कम 34 लोगों की मौत हो चुकी है। असम में 10-11 मौतें, अरुणाचल प्रदेश में 9 मौतें, मेघालय में 6, मिजोरम में 2 और त्रिपुरा में 1 मौत की खबर है।

प्रभावित लोग: असम में 19 जिलों के 764 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिससे लगभग 3.6 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। काछार जिला सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 1.03 लाख लोग बाढ़ से जूझ रहे हैं। हजारों लोगों को राहत शिविरों में ले जाया गया है।
भूस्खलन: कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं, जिससे सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और कनेक्टिविटी प्रभावित हुई है। अरुणाचल प्रदेश में भूस्खलन के कारण कई लोगों की मौत हुई है।
नदियों का बढ़ता जलस्तर: ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

    शहरी बाढ़: असम की राजधानी गुवाहाटी सहित कई शहरी इलाकों में भी घुटनों तक पानी भर गया है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और बिजली कटौती भी हुई है।

राहत और बचाव कार्य:

    भारतीय वायुसेना (IAF) और असम राइफल्स सहित राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं।
    अरुणाचल प्रदेश के निचले दिबांग घाटी जिले में फंसे 14 लोगों को IAF के हेलीकॉप्टर द्वारा बचाया गया है।
    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की है और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

अन्य राज्यों पर प्रभाव: सिक्किम में भी भारी बारिश और भूस्खलन के कारण लगभग 1,200 से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं। मणिपुर और त्रिपुरा में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान:
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने वर्ष 2025 के दक्षिण-पश्चिम मानसून के लिए पूर्वानुमान जारी किया है, जिसके अनुसार पूरे देश में मानसून सामान्य से बेहतर रहने की संभावना है। हालांकि, पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम बारिश की संभावना जताई गई थी, लेकिन वर्तमान में हो रही भारी बारिश ने स्थिति को चिंताजनक बना दिया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून के पैटर्न में बदलाव आ रहा है, जिससे अक्सर भूस्खलन और अचानक बाढ़ जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं।

कुल मिलाकर, पूर्वोत्तर भारत में स्थिति गंभीर बनी हुई है और अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश जारी रहने की संभावना है, जिससे राहत और बचाव कार्यों में चुनौतियां आ सकती हैं।

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