चीन ने अमेरिका पर व्यापारिक समझौते का "गंभीर उल्लंघन"

आज, 2 जून, 2025 को, चीन ने अमेरिका पर व्यापारिक समझौते का "गंभीर उल्लंघन" करने का आरोप लगाया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव फिर से बढ़ गया है। यह आरोप हाल ही में जेनेवा में हुए समझौते के बाद आया है, जिसके तहत दोनों देशों ने एक-दूसरे पर लगाए गए टैरिफ को 90 दिनों के लिए घटाने पर सहमति व्यक्त की थी।
मुख्य बिंदु:
- चीन का आरोप: चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि अमेरिका ने नए आर्थिक और व्यापारिक टकराव को भड़काया है। चीन का कहना है कि अमेरिका ने चीन के खिलाफ भेदभावपूर्ण प्रतिबंधात्मक उपाय लागू करके समझौते की भावना को कमजोर किया है। इन उपायों में एआई चिप निर्यात नियंत्रण दिशानिर्देश जारी करना, चीन को चिप डिजाइन सॉफ्टवेयर की बिक्री रोकना और चीनी छात्रों के वीजा रद्द करना शामिल है।
- समझौते का उल्लंघन: जेनेवा में हुए व्यापार समझौते के तहत, अमेरिका ने चीन से आयातित वस्तुओं पर लगने वाले शुल्क को 145% से घटाकर 30% कर दिया था, जबकि चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर लगाए गए शुल्क को 125% से घटाकर 10% कर दिया था। चीन का आरोप है कि अमेरिका इन शर्तों का पालन नहीं कर रहा है।
- अमेरिका का पलटवार: इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी चीन पर समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि चीन ने समझौते के तहत गैर-टैरिफ बाधाओं को हटाने की प्रक्रिया नहीं अपनाई है, विशेष रूप से रेयर अर्थ (दुर्लभ पृथ्वी) के निर्यात पर प्रतिबंधों को कम करने में।
- व्यापार युद्ध की आशंका: इस ताजा आरोप-प्रत्यारोप से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध और खराब होने की चिंता बढ़ गई है। व्यापार वार्ता रुक गई है और दोनों पक्ष एक-दूसरे पर समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगा रहे हैं, जिससे पूर्ण व्यापार युद्ध की संभावना फिर से बढ़ रही है।
यह स्थिति वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापारिक तनाव वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं और बाजारों को प्रभावित कर सकता है।
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