कोरोना 2021 में मौतों में बड़ा इजाफा: मुख्य बिंदुओं की संक्षिप्त जानकारी 2025

कोरोना 2021 में मौतों में बड़ा इजाफा: मुख्य बिंदुओं की संक्षिप्त जानकारी
-
2021 में मौतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी:
-
भारत में 2021 में कुल 1.02 करोड़ मौतें दर्ज हुईं, जो 2020 के मुकाबले 21.08 लाख अधिक थीं।
-
पहले 5–7 लाख की औसत दर से मौतें बढ़ती थीं, लेकिन 2021 में यह वृद्धि असामान्य रही।
-
-
MCCD रिपोर्ट का खुलासा:
-
यह डेटा MCCD (Medical Certification of Cause of Death) रिपोर्ट 2021 से मिला है, जिसे Registrar General of India (RGI) ने जारी किया।
-
रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ 23.42% मौतें मेडिकली सर्टिफाइड थीं। यानी लगभग 77% मौतों के कारण स्पष्ट नहीं हैं।
-
-
राज्यों की लापरवाही:
-
कई अस्पताल MCCD रिपोर्टिंग नहीं कर रहे थे।
-
जैसे उत्तर प्रदेश के 2316 में से सिर्फ 872 और तेलंगाना के 7371 में से सिर्फ 706 अस्पताल रिपोर्टिंग करते हैं।
-
-
कोविड और हार्ट डिजीज से मौतें:
-
2021 में हार्ट डिजीज और कोरोना वायरस से मौतें सबसे बड़ी वजह बनीं।
-
खासकर 25-44 साल की उम्र में हार्ट अटैक और कोविड से अधिक मौतें हुईं।
-
15-24 साल के युवाओं में हार्ट डिजीज से मरने वालों की संख्या में वृद्धि देखी गई।
-
-
सरकारी आंकड़ों से ज्यादा मौतें:
-
MCCD रिपोर्ट में कोरोना से 5.74 लाख मौतें बताई गईं, जबकि हेल्थ मिनिस्ट्री ने संसद में केवल 5.33 लाख मौतें मानी थीं।
-
यानी 40,533 मौतें रिपोर्ट से गायब थीं।
-
-
महिलाओं की मौत कम रिपोर्ट हुई:
-
पुरुषों की मौतें 62 लाख और महिलाओं की 40 लाख दर्ज हुईं।
-
डॉक्यूमेंटेड मौतों में पुरुषों का अनुपात 62.4% रहा, जो महिलाओं (37.6%) से लगभग दोगुना था।
-
-
फिर से बढ़ रहे कोरोना केस:
-
2025 में देश में कोरोना के 1200 से ज्यादा एक्टिव केस हैं।
-
- केरल (430), महाराष्ट्र (325, जिनमें 316 मुंबई में), और कर्नाटक (36) शीर्ष पर हैं।
2021 में भारत में कुल 1.02 करोड़ मौतें दर्ज हुईं, जो 2020 के मुकाबले 21.08 लाख अधिक थीं। पहले जहां मौतों की संख्या हर साल 5–7 लाख की दर से बढ़ रही थी, वहीं 2021 में यह बढ़ोतरी असामान्य रही। यह आंकड़ा मेडिकल सर्टिफिकेशन ऑफ कॉज ऑफ डेथ (MCCD) रिपोर्ट से सामने आया, जिसे दो साल की देरी से Registrar General of India (RGI) ने जारी किया।
रिपोर्ट में बताया गया कि 2021 में केवल 23.42% मौतों को ही डॉक्टरी रूप से प्रमाणित किया गया, यानी लगभग 77% मौतों की वजह रिकॉर्ड ही नहीं की गई। कई राज्यों में MCCD का सही से पालन नहीं हुआ। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश के 2316 में से सिर्फ 872 और तेलंगाना के 7371 में से केवल 706 अस्पतालों ने रिपोर्ट भेजी।
2021 में हार्ट डिजीज और कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा मौतें दर्ज हुईं। खासकर 25 से 44 साल के लोगों में हार्ट अटैक और कोरोना मौत की दो सबसे बड़ी वजह बने। वहीं 15 से 24 वर्ष के युवाओं में हार्ट की बीमारी से होने वाली मौतों में भी बढ़ोतरी देखी गई। बच्चों (0–4 साल) पर कोरोना का खास प्रभाव नहीं पड़ा, जबकि 5–24 उम्र वर्ग में एक्सीडेंट, जहर और चोटों से मौतें अधिक हुईं।
सरकारी आंकड़ों से तुलना करें तो MCCD रिपोर्ट में कोरोना से 5.74 लाख मौतें बताई गईं, जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने संसद में सिर्फ 5.33 लाख मौतों का दावा किया था। इसका मतलब है कि रिपोर्ट में 40,533 ज्यादा मौतें दर्ज हैं। हालांकि यह भी स्पष्ट किया गया कि सिर्फ 24 लाख मौतों को ही प्रमाणित किया गया था, जिससे अचानक बढ़ी मौतों की वजह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो सकी।
रिपोर्ट के अनुसार 2021 में 62 लाख पुरुषों और 40 लाख महिलाओं की मौत हुई। महिलाओं की तुलना में पुरुषों की मौत लगभग दोगुनी रही। इसके पीछे महिलाओं की मौतों की कम रिपोर्टिंग भी एक बड़ी वजह मानी गई है।
इस बीच भारत में एक बार फिर कोरोना के एक्टिव केस बढ़ रहे हैं। फिलहाल कुल 1200 से ज्यादा सक्रिय मामले हैं। केरल (430), महाराष्ट्र (325, जिनमें 316 मुंबई में), और कर्नाटक (36) में सबसे ज्यादा मरीज दर्ज किए गए हैं।
आपकी क्या प्रतिक्रिया है?






