धुंध के साये से 70 लाख लाख श्रमिक की रोजी पर संकट
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धुंध के साये से 70 लाख लाख श्रमिक की रोजी पर संकट
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली समेत पूरा उत्तर भारत इन दिनों धुंध की चपेट में है। हालात दमघोंटू होने के बाद दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रेप - 4 लगाने का फैसला लिया लेकिन हालत सुधरने का नाम नहीं ले रहा । अनुमान है कि 34 लाख छोटे और मंझोले कारोबारियों को दिल्ली का
उत्पाद की बात करें तो मौजूदा कीमतों पर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 30 लाख करोड़ रुपये थी। अनुमानों के अनुसार, धुंध के कारण उत्तरी राज्यों की वृद्धि दर प्रभावित हो सकती है। आंकड़ों के अनुसार पंजाब में करीब 15 लाख, हरियाणा में 10 लाख और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में करीब 9 लाख छोटे कारोबारी हैं। इस तरह, इनकी कुल संख्या 34 लाख के करीब है।
धुंध भरा मौसम महंगा पड़ रहा है । धानी क्षेत्र (एनसीआर) में ग्रेडेड दिल्ली सरकार ने केन्द्र से कहा, कृत्रिम बारिश कराओ
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली समेत पूरी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बड़ी संख्या में कामगार भी धुंध के कारण प्रभावित हो रहे हैं। अगर हालात जल्दी नहीं बदले कारोबारियों को उत्पादन में कमी की आने की आशंका है। ऐसा हुआ तो छोटे और मंझोले कारोबारी बड़ा वित्तीय नुकसान उठाने को विवश होंगे।
पीएचडी चैंबर ऑफकॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने अनुमान जताया है कि पंजाब हरियाणा और दिल्ली में 34 लाख से अधिक छोटे और मंझोले कारोबारी धुंध के कारण प्रभावित हो रहे हैं। इनके अलावा करीब 70 लाख श्रमिक भी गैस चैंबर जैसे माहौल की मार झेलने को विवश है। पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन के अनुसार राष्ट्रीय
रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चरण के लागू होने से निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियां रुक गई हैं, जिससे औद्योगिक संचालन में और बाधा आ रही है। उन्होंने बताया कि परिवहन क्षेत्र भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप आपूर्ति श्रृंखला भी बाधित हुई है और उत्पादन लागत में वृद्धि हुई है । जैन के अनुसार लंबे समय तक धुंध के संपर्क में रहने से श्रमिकों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है, जिससे उत्पादकता घट रही है। इससे उत्पादन में देरी भी हो रही है। उद्योग जगत हालात से निपटने के लिए स्वच्छ ईंधन, वायु शोधन प्रणाली और मास्क जैसे सुरक्षात्मक उपाय अपना रहे हैं।
गैस
नई दिल्ली। राजधानी को चैंबर से निकालने के लिए दिल्ली सरकार ने कृत्रिम बारिश करवाने की योजना बनाई है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र से संपर्क किया है। केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र सिंह को भेजे गए पत्र में दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि मौजूदा समय में दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में स्मॉग की मोटी चादर छाई हुई है। इससे लोगों का दम घुट रहा है। इसको हटाने के लिए कृत्रिम वर्षा करवानी पड़ेगी। इसके लिए केंद्र को आवश्यक कदम उठाना पड़ेगा । उन्होंने प्रधानमंत्री से दखल देने की मांग की है। विशेषज्ञों से चर्चा के अगर पंजाब, हरियाणा और बाद यह बात सामने आई है कि अब दिल्ली की संयुक्त सकल घरेलू | वह समय आ गया है कि स्मॉग की
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चादर को तोड़ने के लिए कृत्रिम बारिश करवाई जाए। इसलिए चौथी बार फिर से केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव को पत्र लिखा है। इसमें बताया गया है कि वह तुरंत दिल्ली सरकार और कृत्रिम बारिश की सलाह देने वाले आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों की बैठक बुलाएं। इसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, नागर विमानन निदेशालय समेत दूसरे संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहें।
गोपाल राय ने बताया कि उन्होंने केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री इस बारे में पहले बीते 30 अगस्त को पत्र लिखा था । इसमें गुजारिश की गई थी कि संबंधित विभागों के साथ बैठक करके कृत्रिम बारिश की पहले तैयार कर ली जाए।
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