भारत न स्पष्ट कया ह क यह कारवाई आत्मरक्षा म की गई

वतमान िस्थत और आग की दशा
● दोनों दशों क बीच तनाव चरम पर ह, और सीमा पर गोलीबारी जारी ह।
● अतरराष्ट्रीय समदाय न मध्यस्थता की पशकश की ह, लकन अभी तक कोई ठोस समाधान नही
नकला ह।
● भारत न स्पष्ट कया ह क यह कारवाई आत्मरक्षा म की गई और भवष्य म भी आतंकवाद क
खलाफ सख्त कदम उठाए जाएग।
आतंकवाद और सीमापार आतंकी घसपठ न विश्वक सरक्षा पर गहरा प्रभाव डाला ह। भारत जस दश, जो वष
स आतंकवाद का शकार रह ह, अपनी सप्रभता और नागरकों की रक्षा हत नरतर सजग और सक्रय रह ह।
ऐस ही एक ऐतहासक सन्य उत्तरदायत्व का उदाहरण ह ऑपरशन सदर, जो मई 2025 म भारतीय सशस्त्र
बलों द्वारा पाकस्तान अधकत कश्मीर (PoK) और पाकस्तान की मख्य भम म िस्थत आतकवादी ठकानों
को नष्ट करन क लए चलाया गया था।
इस ऑपरशन की नींव रखी गई एक क्रर आतंकवादी हमल क बाद, जो 22 अप्रल 2025 को जम्म और कश्मीर
क पहलगाम क्षेत्र म हआ था। इस हमल म 26 भारतीय पयटक मार गए और दशभर म आक्रोश की लहर दौड़
गई। सरकार पर दबाव था क वह इस हमल का सशक्त और नणायक उत्तर द। इसक फलस्वरूप, राष्ट्रीय
सरक्षा सलाहकार, रक्षा मत्रालय और तीनों सनाओ न मलकर एक योजनाबद्ध प्रतकार रणनीत बनाई, िजस
‘ऑपरशन सदर’ नाम दया गया। यह नाम प्रतीकात्मक रूप स ‘सदर’ शब्द स लया गया ह जो भारतीय
सस्कत म सतत्व, श्रद्धा और बलदान का प्रतीक ह, और यह इस ऑपरशन क पीछ क भावनात्मक और
राष्ट्रीय गौरव को दशाता ह।
ऑपरशन सदर कवल एक सन्य कारवाई नही था, बिल्क यह भारत की आतंकवाद क प्रत "जीरो टॉलरस
पॉलसी" की सावजनक घोषणा थी। यह एक ऐसा क्षण था जब भारत न न कवल अपनी सन्य शिक्त का
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रदशन कया, बिल्क यह सदश भी दया क भारत अपनी सप्रभता और नागरकों की सरक्षा स कोई समझौता
नही करगा।
यह अध्याय कवल प्रस्तावना ह; अगल अध्यायों म हम वस्तार स जानग क कस यह ऑपरशन योजना स
लकर क्रयान्वयन तक आग बढ़ा, कौन-कौन स आतंकी ठकान नष्ट कए गए, और इसक क्या-क्या
रणनीतक, कटनीतक और सामािजक प्रभाव हए।
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