महंगी हो रही भोजन की थाली

अक्टूबर 15, 2024 - 13:22
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महंगी हो रही भोजन की थाली

महंगी हो रही भोजन की थाली

सब्जियों की महंगाई दर 11 फीसदी से बढ़कर 36 प्रतिशत हुई

नई दिल्ली
खराब मौसम और सब्जियों के महंगे होने से सितंबर महीने में रिटेल महंगाई बढ़कर 5.49 फीसदी पर पहुंच गई है। अगस्त में ये 3.65 फीसदी पर थी। यह 9 महीने उच्चतम स्तर पर है।
वहीं, खाद्य महंगाई दर 5.66 फीसदी से बढ़कर 9.24फीसदी हो गई है। शहरी महगाई भी महीने - दर - महीने आधार पर 3.14 फीसदी से बढ़कर
5.05 फीसदी हो गई है। ग्रामीण महंगाई 4.16 फीसदी से बढ़कर 5.87 फीसदी पर पहुंच गई है। सितंबर 2023 में खाद्य महंगाई
5.66 फीसदी थी, अब 9.24 फीसदी पर आई । महंगाई के बास्केट में लगभग 50फीसदी योगदान खाने- पीने की चीजों का होता है। इसकी
महंगाई महीने-दर-महीने आधार पर 5.66 फीसदी से बढ़कर 9.24फीसदी हो गई है। वहीं एक
साल पहले अगस्त 2023 में खाद्य
महंगाई 6.62फीसदी रही थी। यानी, सालाना आधार पर भी ये बढ़ी है। महंगाई कैसे प्रभावित करती है?
महंगाई का सीधा संबंध पर्चेजिंग पावर से है। उदाहरण के लिए यदि महंगाई दर 6 फीसदी है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 94 रुपए होगा। इसलिए महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम हो जाएगी।
महंगाई कैसे बढ़ती घटती है ?
महंगाई का बढ़ना और घटना प्रोडक्ट की डिमांड और सप्लाई पर
निर्भर करता है। अगर लोगों के पास पैसे ज्यादा होंगे तो वे ज्यादा चीजें खरीदेंगे। ज्यादा चीजें खरीदने से चीजों की डिमांड बढ़ेगी और डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं होने पर इन चीजों की कीमत बढ़ेगी। इस तरह बाजार महंगाई की चपेट में आ जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो बाजार में पैसों का अत्यधिक बहाव या चीजों की शॉटेज़्ज़ महंगाई का कारण बनता है। वहीं अगर डिमांड कम होगी और सप्लाई ज्यादा तो महंगाई कम होगी।

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