अश्लील टिप्पणी : रणवीर इलाहाबादिया की गिरफ्तारी

फ़रवरी 19, 2025 - 16:30
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अश्लील टिप्पणी : रणवीर इलाहाबादिया की गिरफ्तारी


अश्लील टिप्पणी : रणवीर इलाहाबादिया की गिरफ्तारी पर अगले आदेश तक रोक
रणवीर इलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- 'आपके दिमाग में गंदगी'
केंद्र सरकार से कहा- एक्शन लीजिए, वरना हम चुप नहीं बैठेंगे
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडी शो में अश्लील टिप्पणी के चलते कई राज्यों में एफआईआर का सामना कर रहे यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया की गिरफ्तारी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने जिन राज्यों में एफआईआर दर्ज हुई है उन राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि रणवीर को जब भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा वो जांच में शामिल होगा। कोर्ट ने कहा कि रणवीर बिना कोर्ट की इजाजत से
देश से बाहर नहीं जाएगा और अपना पासपोर्ट पुलिस स्टेशन में जमा करना होगा। फिलहाल रणवीर और उसके साथी इंडिया गॉट लेटेंट शो नहीं करेंगे। कोर्ट ने कहा कि रणवीर के दिमाग में जो गंदगी है, वही इस शो के जरिए बाहर आई है। उसे अपनी टिप्पणी के लिए शर्मिंदा होना चाहिए। जिस तरह की टिप्पणी रणवीर ने की है, माता पिता शर्मिंदा महसूस करेंगे। बेटियां
बहन और पूरा समाज शर्मिंदा महसूस
करेगा। अश्लीलता के इस लेवल तक वो पहुंच गया। जस्टिस सूर्यकांत ने अन्य मामले में पेश एएसजी ऐश्वर्या भाटी से कहा कि इंडिया गॉट लेटेंट से जुड़े विवाद में रणवीर की याचिका पर होने वाली अगली सुनवाई में अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी और और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट की सहायता करें। रणवीर की याचिका में कहा गया कि कई राज्यों में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। दरसअल रणवीर ने कॉमेडियन समय रैना के इंडिया गॉट लेटेंट शो में माता-पिता व सेक्स को लेकर टिप्पणी की थी जिस पर काफी बवाल मचा हुआ है। इस टिप्पणी की वजह से कई
राज्यों में इलाहाबादिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
बेंच ने कोर्ट में मौजूद अटॉर्नी सॉलिसिटर जनरल से कहा कि 'ऐसे यू-ट्यूबर्स के मामले सामने आ रहे हैं, क्या केंद्र सरकार कुछ करना चाहती है। अगर वे खुद ही कुछ करते हैं तो बहुत अच्छी बात है, वरना हम यहां गैप नहीं छोड़ सकते। सो-कॉल्ड यूट्यूब चैनल इसका दुरुपयोग कर रहे हैं और तमाम चीजें सामने आ रही हैं, इसलिए हमने नोटिस इश्यू किया। हम अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल को अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दे रहे हैं। हम इस मामले की अहमियत व संवेदनशीलता को अनदेखा नहीं कर सकते।'

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