झारखंड में 'सजनी' की डिमांड ज्यादा महिला नेत्री नही रांची।
![झारखंड में 'सजनी' की डिमांड ज्यादा महिला नेत्री नही रांची।](https://jannayaknews.in/uploads/images/202411/image_870x_672b2c64d11c9.jpg)
झारखंड में 'सजनी' की डिमांड ज्यादा महिला नेत्री नही
रांची।
राजनीति भी गजब चीज है पॉलिटिक्स में कभी-कभी किसी की एक्सीडेंटल एंट्री भी वरदान साबित हो जाती है. देश में कई उदाहरण अभी भी मौजूद हैं, जिसमें पत्नी यानी सजनी राजनीति में आती तो हैं दुर्घटनावश लेकिन आने के बाद लोगों के दिलो-दिमाग पर ऐसे छा जाती हैं कि फिर राजनीति से दूर होने का मन ही नहीं करता. इससे पति यानी साजन की राजनीति खतरे में या फिर फीकी पड़ जाती है। झारखंड चुनाव में भी आजकल कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है, क्योंकि कल्पना सोरेन की सभाओं में
जुट रही भीड़ और फिर पूरे राज्य में उनकी सभाओं की डिमांड काफी कुछ किस्सा बयां कर रही है. पूरे झारखंड में हेमंत सोरेन से ज्यादा कल्पना सोरेन का कार्यक्रम लगा है. एक दिन
में कल्पना सोरेन 4 से 5 साभाएं कर रही हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा के कैंडिडेट को तो छोड़ दीजिए कांग्रेस कैंडिडेट्स भी अपने विधानसभा क्षेत्रों में कल्पना सोरेन के ही प्रोग्राम
की डिमांड कर रहे हैं.
क्या कल्पना ने बढ़ा दी हेमंत की मुश्किलें ?
कल्पना सोरेन की व्यस्तता देखकर मौजूदा दौर के झारखंड मुक्ति मोर्चा के सर्वेसर्वा नेता और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की चिंता बढ़ सकती है. क्योंकि, कल्पना सोरेन का चेहरा और उनके बातचीत का अंदाज हेमंत सोरेन से बिल्कुल अलग लग रहा है. हेमंत जहां सख्त मिजाज के हैं. वहीं, कल्पना सोरेन सरल स्वभाव की मालूम पड़ती हैं. कल्पना का मासूम चेहरा और बात करने का तरीका आदिवासियों को काफी लुभा रहा है.
कल्पना की सभाओं में जुट रही भीड़
कल्पना मुर्मु सोरेन राजनीति में तो आई थी अचानक, जब पति भ्रष्टाचार के आरोप में जेल चले गए थे. लेकिन, अब झारखंड विधानसभा चुनाव में उनकी सभाओं में हेमंत सोरेन की सभाओं से भी ज्यादा भीड़ जुटने से कहा जा रहा है कि वह लंबी राजनीतिक पारी खेल सकती हैं. कल्पना सोरेन अपनी हर सभा में कहती हैं, 'हमारी लड़ाई जनता के हक के लिए है. झारखंड के अधिकार के लिए है. ये लड़ाई सिर्फ हमारी नहीं, बल्कि झारखंड के हर जन की है. हर गांव,
हर शहर, हर गली-मुहल्ले से आवाज उठ रही है कि जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए, झारखंड के स्वाभिमान के लिए जन-जन कदम से कदम मिलाकर हमारे साथ खड़ा है. हर दिल से उठ रहा है बस एक ही नारा, हेंमत दुबारा.' । कल्पना सोरेन इस चुनाव में एक मझे हुए नेता की तरह जनता से संवाद करती है. बात करने का लहजा हो चाहे वह आदिवासी भाषा हो या फिर हिंदी सबों में वह धाराप्रवाह बात करती हैं। फिलहाल कल्पना सोरेन के कद का झारखंड बीजेपी में कोई ऐसा महिला नेता नहीं है, जो जवाबी हमला बोल सके ।
आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
![like](https://jannayaknews.in/assets/img/reactions/like.png)
![dislike](https://jannayaknews.in/assets/img/reactions/dislike.png)
![love](https://jannayaknews.in/assets/img/reactions/love.png)
![funny](https://jannayaknews.in/assets/img/reactions/funny.png)
![angry](https://jannayaknews.in/assets/img/reactions/angry.png)
![sad](https://jannayaknews.in/assets/img/reactions/sad.png)
![wow](https://jannayaknews.in/assets/img/reactions/wow.png)