शिया-सुन्नी में बंटे इस्लामी देश, तीन इजराइल के साथ
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शिया-सुन्नी में बंटे इस्लामी देश, तीन इजराइल के साथ
ईरान पर हमले में मुस्लिम देशों का साथ
तेल अवीव ।
इजरायल इस वक्त ईरानी आक्रामकता का सामना कर रहा है। ईरान के समर्थन वाले देश और मिलिशिया लगातार इजरायल पर हमला कर रहे हैं। इस बीच इजरायल कभी मध्य पूर्व के तीन शक्तिशाली मुस्लिम देशों का साथ मिला है। ये देश सऊदी अरब, मिस्त्र और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) हैं। इन तीनों देशों ने ईरान पर नए सैन्य हमले का जबाव ऐसे शब्दों में दिया है, जो बहुत कुछ कहते हैं। इन तीनों देशों के बयानों में इजरायल के हमले की सीधे निंदा नहीं की गई। इसके बजाए उनकी प्रतिक्रियाएं उल्लेखनीय रूप संतुलित और लगभग तटस्थ थीं।
यह संकेत देती हैं कि इन क्षेत्रीय शक्तियों के बीच एक शांत संबंध विकसित हो रहे हैं। प्रत्येक देश ने संप्रभुता और डी-एस्केलेशन का संदर्भ देते हुए - इज़रायल की सीधे निंदा करने से बचाव का रास्ता चुना। उन्होंने अपने बयानों में क्षेत्रीय स्थिरता के लिए व्यापक खतरों पर ज्यादा जोर दिया।
इजराइल का ईरान पर एयर स्ट्राइक
तेहरान। इजराइल की ईरान पर की गई एयर स्ट्राइक से युद्ध की आशंका
बढ़ गई है। ईरान ने इस महीने की शुरुआत में इजराइल पर बड़ा हमला किया था। प्रतिशोध की आग में झुलस रहे इजराइल के सैनिकों ने बदला लेने के बाद हमला रोक दिया है। इजराइल ने ईरान को चेतावनी दी है भविष्य में उसे दोबारा निशाना बनाया गया तो वह और भी कड़ी प्रतिक्रिया देगा।
यूएई की संतुलित सावधानी
संयुक्त अरब अमीरात ने ईरान के सैन्य लक्ष्यीकरण की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया और अत्यंत आत्म-संयम का आह्वान किया। लेकिन यहां यूएई के शब्दों का चयन उतना ही स्पष्ट है जितना कि उसका कथन । इजरायल की
आलोचना करने के बजाय, यूएई ने बातचीत और अंतर्राष्ट्रीय कानून के पालन के महत्व पर प्रकाश डाला, और प्रतिक्रिया को टकराव के बजाय कूटनीति की ओर मोड़ दिया। सऊदी अरब का नरम स्वर
सऊदी अरब की प्रतिक्रिया भी इसी तरह सीधे निंदा से बचती है।
हमले को संप्रभुता का उल्लंघन बताते हुए, राज्य ने फिर भी क्षेत्र के देशों और लोगों की सुरक्षा और स्थिरता पर जोर दिया। एक दशक पहले, रियाद का बयान शायद ज्यादा तीखा होता, लेकिन आज के बयान में कूटनीतिक शब्द ज्यादा थे। इसमें ईरान की संप्रभुता को स्वीकार करने और इज़रायल की क्षेत्रीय सुरक्षा कार्रवाइयों के प्रति निहित सहिष्णुता के बीच संतुलन साधने की वकालत की गई थी।
मित्र का यथार्थवाद
और
मिस्त्र की प्रतिक्रिया इस सूक्ष्म कूटनीति को एक कदम आगे ले जाती है। एक बयान में जो आसानी से गाजा लेबनान में व्यापक मुद्दों पर लागू हो सकता है, मिस्त्र ने गंभीर टकराव की चेतावनी दी जो क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचाता है, और कई मोर्चों पर त्वरित युद्धविराम का आग्रह किया। मिस्त्र ने अपने बयान में इजरायल की कार्रवाइयों से ध्यान हटाकर क्षेत्र की समग्र स्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया।
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