उपचुनाव में जीते सात विधायकों ने ली शपथ
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उपचुनाव में जीते सात विधायकों ने ली शपथ
राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में जीतकर आने वाले विधायकों ने मंगलवार को शपथ ग्रहण की। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विधानसभा में शपथ दिलवाई। दौसा से डीसी बैरवा, खींवसर से रेवतराम डांगा, सलूम्बर से शांता देवी मीणा, देवली-उनियारा से राजेन्द्र गुर्जर, झुंझुनूं से राजेन्द्र भांबू, रामगढ़ से सुखवंत सिंह और चौरासी से अनिल कटारा ने शपथ ली। इस दौरान विधानसभा में आरएलपी का सूपड़ा साफ करने वाले रेवंतराम डांगा ट्रैक्टर से विधानसभा पहुंचे। दौसा से विधायक डीसी बैरवा संविधान की किताब दिखाते हुए विधानसभा पहुंचे। प्रदेश में उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को
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मतदान हुआ था। जबकि प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला 23 नबंवर को हुआ। दौसा विधानसभा सीट से तत्कालीन विधायक मुरारी लाल मीणा के सांसद बनने, खींवसर से तत्कालीन विधायक हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने, चौरासी तत्कालीन विधायक राजकुमार रोत के सांसद बनने, झुंझुनूं से बृजेंद्र ओला के सांसद बनने और देवली-
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उनियारा से तत्कालीन विधायक हरीश मीणा के सांसद बनने के बाद सीट खाली हुई थी। वहीं, रामगढ़ सीट से जुबेर खान और सलूंबर से अमृतलाल मीणा के निधन होने पर उपचुनाव हुए। सात सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने पांच कांग्रेस और भारतीय आदिवासी पार्टी ने एक सीट जीती थी। उपचुनाव के बाद विधानसभा में अब 200 विधायकों की संख्या पूरी हो गई है। विधानसभा में संख्या
बल के हिसाब से बीजेपी और कांग्रेस के बाद बाप सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। बाप के चार विधायक हो गए हैं। उपचुनाव के बाद बीजेपी के 119 विधायक, कांग्रेस के 66, बाप के चार, बसपा के दो, आरएलडी का एक और आठ निर्दलीय विधायक हैं। आदिवासी बाहुल्य तीन जिलों से बाप के चार विधायक हैं। डूंगरपुर जिले की आसपुर और वौरासी, बांसवाड़ा की बागीदौरा और प्रतापगढ़ जिले की धरियावद सीट से बाप के विधायक हैं। उपचुनाव में कांग्रेस ने देवली उनियारा, झुंझुनू और रामगढ़ सीटें खोई हैं। केवल दौसा सीट ही बरकरार रख सकी। कांग्रेस के पास चार सीटें थीं, अब एक एक पर जीती इस तरह तीन सीट का नुकसान हुआ। बीजेपी के पास केवल सलूंबर सीट थी। बीजेपी ने पांच सीटें जीती। खींवसर सीट पर हार के बाद हनुमान बेनीवाल की पार्टी का कोई विधायक नहीं रहा ।
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