एससीओ बैठक जयशंकर बोले- आतंक और व्यापार साथ-साथ नहीं

अक्टूबर 17, 2024 - 12:34
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एससीओ बैठक जयशंकर बोले- आतंक और व्यापार साथ-साथ नहीं
 
एससीओ बैठक
नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बुधवार को इस्लामाबाद में एससीओ की शिखरवार्ता में याद दिलाया संगठन के चार्टर में उग्रवाद, आतंकवाद व अलगाववाद को स्पष्ट रूप से चुनौती माना गया है। ऐसे में सीमापार से इस तरह की गतिविधियां होती रहेंगी तो सहयोग विशेषकर क्षेत्रीय सहयोग संभव नहीं है। साथ उन्होंने कहा कि सहयोग आपसी सम्मान और संप्रभुता पर आधारित होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘यदि सीमा पार की गतिविधियां- आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद होंगी तो समानांतर रूप से व्यापार, ऊर्जा प्रवाह, कनेक्टिविटी और लोगों से लोगों के बीच आदान- प्रदान के प्रोत्साहन की संभावना नहीं होंगी।' विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा
जयशंकर बोले- आतंक और व्यापार साथ-साथ नहीं
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कि सहयोग एकतरफा एजेंडे पर नहीं बल्कि वास्तविक साझेदारियों पर बनाया जाना चाहिए । हमारे प्रयास तभी आगे बढ़ेंगे जब चार्टर के प्रति प्रतिबद्धता दृढ़ रहेगी। यह स्वयंसिद्ध है कि विकास और प्रगति के लिए शांति व स्थिरता की आवश्यकता होती है । और जैसा चार्टर में कहा गया है, इसका मतलब है 'तीन बुराइयों' का मुकाबला करने में दृढ़ता से करना व इनसे समझौता न करना। उन्होंने कहा वैश्विक संघर्षों
की बीच जलवायु परिवर्तन की गंभीर
समस्या, आपूर्ति श्रृंखला की अनिश्चितता
वित्तीय अस्थिरता वृद्धि और विकास को प्रभावित कर रहे हैं। यह एक चुनौतीपूर्ण समय है। प्रौद्योगिकी बड़ी संभावनाएं रखती है, लेकिन साथ ही नई चिंताओं को भी जन्म देती है। एससीओ के सदस्यों को चुनौतियों पर कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए इसपर विचार करना होगा । विदेश मंत्री ने इस दौरान वैश्विक संस्थाओं में बदलाव की मांग को दोहराया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी व गैर-स्थायी दोनों श्रेणियों में व्यापक सुधार आवश्यक है। भारत की भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा हमारी अपनी वैश्विक पहल व राष्ट्रीय प्रयास एससीओ के लिए अधिक प्रासंगिक हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच फिर से शुरू हो सकता है क्रिकेट
बातचीत को लेकर दोनों देश राजी !
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच हर फैन देखना चाहता है। सीमा के दोनों ओर के फैंस इस खेल के बारे में समान रूप से दीवाने हैं। जब दोनों टीमों के बीच मैच होता है तो फैंस का उत्साह देखते ही बनता है। लेकिन राजनीतिक कारणों की वजह से दोनों देश अब एक दूसरे से द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलते हैं। भारत और पाकिस्तान केवल आईसीसी या एसीसी आयोजनों में ही एक-दूसरे के खिलाफ खेलते हैं। लेकिन दोनों देशों के क्रिकेट फैंस के लिए अच्छी खबर आने वाली है।
पाकिस्तान की जियो न्यूज के अनुसार, भारत ने दोनों देशों के बीच क्रिकेट फिर से शुरू करने पर चर्चा शुरू करने के लिए सहमति दे दी है। यदि ऐसा होता है, तो प्रशंसक एक बार फिर भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय
सीरीज में आमने-सामने देख सकते हैं। हालांकि, पीसीबी या बीसीसीआई से अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। वास्तव में दोनों देशों सरकारों ने भी अभी तक इस तरह के किसी विकास की पुष्टि नहीं की है।
भारत के विदेश मंत्री पाकिस्तान के दौरे पर थे । जियो न्यूज की रिपोटज़ के मुताबित इसी दौरान दोनों देशों ने क्रिकेट पर बात करने पर हामी भरी है। जल्द ही बारे में आधिकारिक बातचीज हो सकती है। पाकिस्तान में अगले साल फरवरी माचज़ में चैंपियंस ट्रॉफी होनी है। भारतीय टीम ने अभी तक पाकिस्तान जाने के लिए हां नहीं कहा है। ऐसे में टूर्नामेंट को पाकिस्तान से बाहर आयोजित करवाया जा सकता है या फिर हाइब्रिड मॉडल का इस्तेमाल हो सकता है। भारत और पाकिस्तान ने आखिरी बार द्विपक्षीय सीरीज 2012-13 में खेली थी। उसके बाद दोनों देशों ने केवल आईसीसी इवेंट्स और एशिया कप में एक-दूसरे के खिलाफखेला है।

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