कोटा में ऊर्जा मंत्री बोले 400 हेक्टेयर का जंगल तो कटेगा
सरकार की यह कैसी जिद : दावा नियम व प्रक्रिया के तहत काटेंगे पेड़
जननायक संवाददाता
कोटा। राज्य में डबल इंजन की भाजपा सरकार का प्रयास है जो बजट घोषणाएं की गई हैं वो पूरी होनी चाहिए। किसानों को रात के
स्थान पर दिन में पर्याप्त बिजली मिले इसके लिए स्वयं मुख्यमंत्री लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। किसानों व युवाओं को सशक्त बनाने व रोजगार उपलब्ध करवाने की दिशा में काम किया जा रहा है। के साथ ही रबी के सीजन में किसानों को 6 घंटे निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने की बात भी राज्य के ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने गुरूवार को एक पत्रकार वार्ता में कही। उन्होने कहा कि ऊर्जा विभाग आज भी 1.39 करोड़ के कर्ज में डूबा हुआ हैं। भाजपा की सरकार बनने के बाद कोल की
पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर |
क्वालिटी में सुधार कर व कोल माइन्स को चालू करवा प्लांट लोड फैक्टर 75 प्रतिशत तक बढ़ाया। आज प्लांट लोड फैक्टर 80 से 85 प्रतिशत तक पहुंच गया है। राज्य में 32 हजार मेगावॉट के नए संयंत्र, थर्मल व विंड की सथापना की जाएगी। कुसुम योजना में सरकारी कार्यालयों, जीएसएस के पास 1 से 5 हजार मेगावॉट के सोलर लगाएंगे।
शाहाबाद में पम्प स्टोरेज के लिए लाखों पेड़ो की बली पर उनका कहना था कि इसमें 400 हेक्टेयर का जंगल कटेगा। हां जंगल में भी
जननायक
मंत्री नागर ने कहा कि राज्य सरकार ने 1 लाख से अधिक पदों पर
जमीन की परमिशन मिलती है तो युवाओं को देंगे रोजगार नियम व प्रक्रिया के तहत काम करवाया जाता है। इसके बदले हम दस गुना पेड़ लगा सघन वन बनाएंगे। ऊर्जा मंत्री नागर ने छतीसगढ़ की बात करते हुए कहा कि वहां की अधिकांश कोल माइन्स जंगल में ही हैं।
उन्होने यह भी स्वीकार किया कि वहां जंगल की 60 हजार हैक्टेयर जमीन पर पहले से निर्माण हो रहे हैं। वर्ष 2027 में किसान को रात के स्थान पर दिन में बिजली मिलेगी ऐसा दावा भी उन्होने कहा।
नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 10 हजार से अधिक पदों के तो परिणाम भी जारी हो चुके हैं। राज्य में 6291 पद ऐसे हैं नि पर वाद न्यायालय में लंबित हैं। राज्य सरकार अपने कार्यकाल में 4 लाख सरकारी नौकरी व 6 लाख स्किल के साथ रोजगार उपलब्ध करवाएगी। पहली बार चतुर्थ श्रेणी कर्मियों व वाहन चालकों की भर्ती बड़ी संख्या में
आंकड़ों की गलत जानकारी
ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि वर्ष 2014 में गेंहू का समर्थन मूल्य 1200 रूपए था। जिसे बढ़ाते हुए वर्ष 2025-26 में 2425 को मंजूरी दे दी गई है। जो किसानों की आमदनी को दोगुना कर रहा है। जबकि हकीकत यह कि वर्ष 2014-15 में गेंहू का एमएसपी मूल्य 1450 रूपए था। साथ ही नागर ने कहा कि राइजिंग राजस्थान के तहत सबसे अधिक निवेश ऊर्जा के क्षेत्र में 5 लाख करोड़ के हुए हैं। वहीं प्रभारी मंत्री भी राज्य में निवेशकों को अच्छी सुविधा मिल सके इसके लिए प्रयासरत हैं। जबकि पिछले दिनों कोटा में हुए साढ़े 6 हजार करोड़ के निवेश में ना तो प्रभारी मंत्री पहुंचे ना ही ऊर्जा मंत्री नागर । कमियों को चिन्हित कर रही हैं। नोटिस भी दिए जा रहे हैं। कमियों में सुधार कर दूर नही किया गया तो
होगी । आगामी जनवरी के दूसरे पखवाड़े में रीट पात्रता परीक्षा आयोजित होगी।
कमियों को चिन्हित कर दे टर्मिनेशन भी किया जा सकता है।
रहे नोटिस केईडीएल कम्पनी के राज्य सरकार के वितरण के अनुसार काम नही करने की कार्रवाई पर ऊर्जा मंत्री का कहना था कि राज्य में अजमेर, बिकानेर, भरतपुर व कोटा में जिन वितरण कम्पनियों से करार है। उन्होने आज तक रिव्यू तक नही दिया। अब हमारी सरकार आने के बाद हमने कमेटी बनाई है जो
हाल यह है कि ऑडिट तक नही करवाई गई। पत्रकार वार्ता के दोरान भाजपा के शहर जिलाध्यक्ष राकेश जैन सहित भाजपा के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
टाइगर पर टाल गए सवाल
नागर से जब बूंदी में हाल में टाइगर की मौत के मामले में पूछा गया तो जांच की बात कहते हुए वे बात को टाल गए।