गहलोत सरकार में रहे दो मंत्रियों पर संकट जल जीवन मिशन घोटाले में महेश जोशी

नवंबर 6, 2024 - 13:40
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गहलोत सरकार में रहे दो मंत्रियों पर संकट जल जीवन मिशन घोटाले में महेश जोशी


गहलोत सरकार में रहे दो मंत्रियों पर संकट
जल जीवन मिशन घोटाले में महेश जोशी
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) जल जीवन मिशन में हुए घोटाले को लेकर पूर्व मंत्री सहित बाईस लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इसमें तत्कालीन पीएचईडी मंत्री महेश जोशी का नाम भी शामिल है। वहीं बाईस लोगों में वित्तीय सलाहकार, चीफ इंजीनियर, एडिशनल चीफ इंजीनियर, सुप्रिटेंडिंग इंजीनियर और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर्स के नाम शामिल हैं। इस पूरे मामले में एसीबी के ईमेल आईडी से बड़ी लीड मिली। एक-एक आईडी की जांच करने पर सभी अधिकारियों के नामों का खुलासा हुआ। जो फर्जी सर्टिफिकेट पर टेंडर देकर भ्रष्टाचार कर रहे थे।
राजस्थान
एकल पट्टा प्रकरण में धारीवाल
मंत्री और अधिकारियों को राहत देने वाला हाईकोर्ट का आदेश रद्द जयपुर, ( कासं.)।
कही थी, लेकिन इस दौरान उनसे सलाह नहीं ली गई। वहीं अब नया शपथ पत्र पेश कर हाईकोर्ट के आदेशों को रद्द करने की गुहार की गई थी। एएजी शर्मा ने बताया कि मामले में एसीबी ने तीन क्लोजर रिपोर्ट अदालत में पेश की थी, वे धारीवाल सहित अन्य अधिकारियों से प्रभावित थी। इ रिपोर्ट में सभी तथ्यों को शामिल नहीं किया गया था।
प्रदेश के चर्चित एकल पट्टा प्रकरण में पूर्व मंत्री शांति धारीवाल की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं । सुप्रीम कोर्ट ने मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के उन आदेशों को रद्द कर दिया है, जिसके तहत तत्कालीन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ दर्ज एफआईआर और अदालती कार्रवाई को निरस्त करने के साथ ही पूर्व आईएएस जीएस संधू सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा वापस लेने को हरी झंडी दी गई थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्वल भुइयां की खंडपीठ ने यह आदेश अशोक पाठक की एसएलपी पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने हाईकोर्ट को कहा है कि वह प्रकरण की पुन सुनवाई कर छह माह में उचित आदेश पारित करे। सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने बताया कि गत अप्रैल माह में राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश शपथ पत्र में प्रकरण में कोई आपराधिक मामला नहीं बनने की बात
मिलीभगत कर फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों से टेंडर हासिल किया है। महेश मित्तल और पदमचंद जैन ने इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर टेंडर लिए। अधिकारियों ने इसे अनदेखा किया। अयोग्य फर्मों को टेंडर देकर लगातार भुगतान करते रहे। जांच पूरी होने पर 18 जनवरी को 2024 को एसीबी ने एफआईआर दर्ज की थी। इसकी जांच एडिशनल एसपी एसीबी विशनाराम को दी गई। जांच के दौरान पुष्टि हुई कि भ्रष्टाचार और फर्जी बनाए गए सर्टिफिकेट की टेंडर लिए गए। इनमें मुकेश पाठक और पदमचंद जैन के साथ अधिकारी भी शामिल रहे। गौरतलब है कि 7 अगस्त 2023 को एसीबी ने पीएचईडी इंजीनियर मायालाल सैनी, प्रदीप के साथ ठेकेदार पदमचंद जैन और कंपनी के सुपरवाइजर मलकेत सिंह को पकड़ा था। दलाल प्रवीण कुमार भी गिरफ्तार हुआ था ।
एफआईआर में फर्म मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवैल और श्री श्याम ट्यूबैवल कम्पनी शाहपुरा जयपुर के प्रोपराइटर महेश मित्तल, पदमचंद जैन, संजय बड़ाया, बिहार के मुकेश पाठक सहित अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एसीबी से मिली जानकारी के अनुसार बहरोड़ में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर्स मायाराम सैनी से पूछताछ से सामने आया कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) में जल जीवन मिशन के कार्यों में भ्रष्टाचार हुआ है। श्री गणपति ट्यूबवैल कम्पनी प्रोपराइटर महेश मित्तल व फर्म मैसर्स श्री श्याम ट्यूबैवल कम्पनी के प्रोपराइटर पदमचंद जैन ने फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर विभाग के अधिकारियों के साथ मिली भगत कर राजस्थान में विभिन्न स्थानों पर टेंडर लिए। टेंडर लेने में भी भारी भ्रष्टाचार किया गया। इन सभी फर्म मालिकों ने पीएचईडी विभाग के अधिकारियों से
जल जीवन मिशन के वित्तीय सलाहकार सुशील शर्मा, तत्कालीन चीफ इंजीनियर राम करण मीणा और दिनेश गोयल के नाम भी शामिल हैं। इसके साथ एडिशनल चीफ इंजीनियर अरुण श्रीवास्तव, रमेश चंद मीणा, परितोष गुप्ता के नाम हैं। सुप्रिटेंडिंग इंजीनियर निरिल कुमार, विकास गुप्ता, महेंद्र प्रकाश सोनी, भगवान सहाय जाजू, जितेंद्र शर्मा और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर्स विशाल सक्सेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनके अलावा
ऐसे में एसीबी कोर्ट ने दो क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और तीसरी पर कोई निर्णय नहीं हुआ था। इस दौरान मामला हाईकोर्ट चला गया। हाईकोर्ट ने गत जनवरी माह में पूर्व आईएएस जीएस संधू, निष्काम दिवाकर और ओंकार मल सैनी के खिलाफ मुकदमा वापस लेने को सही माना और धारीवाल के खिलाफ प्रकरण खारिज कर दिया। हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ आरटीआई कार्यकर्ता अशोक पाठक ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी।

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