डॉ. मनमोहन सिंह: एक महान अर्थशास्त्री और विनम्र राजनेता का सफर

दिसम्बर 27, 2024 - 17:06
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डॉ. मनमोहन सिंह: एक महान अर्थशास्त्री और विनम्र राजनेता का सफर

डॉ. मनमोहन सिंह: एक महान अर्थशास्त्री और विनम्र राजनेता का सफर

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में दिल्ली AIIMS में निधन हो गया। उन्हें रात 8:06 बजे गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था, जहां उन्होंने 9:51 बजे अंतिम सांस ली।


जीवन परिचय: संघर्ष और शिक्षा

  • जन्म और प्रारंभिक जीवन: पाकिस्तान से विस्थापित होकर हल्द्वानी आए। मां का बचपन में निधन हुआ और दादा-दादी ने पाला।
  • शिक्षा: लालटेन की रोशनी में पढ़ाई की, कैंब्रिज और ऑक्सफोर्ड से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की।
  • करियर: पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में शिक्षक, फिर वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार।
  • महत्वपूर्ण पद:
    • 1982-1985: रिजर्व बैंक के गवर्नर
    • 1985-1987: योजना आयोग के प्रमुख
    • 1991: वित्त मंत्री

आर्थिक सुधारों के सूत्रधार

  • 1991 का ऐतिहासिक बजट: विदेशी मुद्रा संकट के बीच आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की।
  • प्रमुख नीतियां:
    • लाइसेंस राज का अंत
    • विदेशी निवेश के द्वार खोले
    • निर्यात प्रोत्साहन
    • आयकर छूट
  • उपलब्धि: 1993 तक विदेशी मुद्रा भंडार $10 अरब और 1998 तक $290 अरब हो गया।

प्रधानमंत्री कार्यकाल (2004-2014)

  • महत्वपूर्ण योजनाएं:
    • मनरेगा (NREGA)
    • RTI (सूचना का अधिकार)
    • आधार योजना
    • राइट टू एजुकेशन (RTE)
  • शालीन नेतृत्व: बेहद कम बोलते थे लेकिन जब बोलते थे, दुनिया सुनती थी।


व्यक्तिगत जीवन और विशेषताएं

  • नीली पगड़ी का रहस्य: यह उनके अल्मा मेटर कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है।
  • सरल जीवन: प्रधानमंत्री आवास में रहते हुए भी मारुति 800 को सरकारी BMW से ज्यादा पसंद करते थे।
  • उर्दू में स्पीच: प्रधानमंत्री रहते हुए अपनी स्पीच की स्क्रिप्ट उर्दू और गुरुमुखी में लिखते थे।

अमूल्य विरासत

  • 'हजारों जवाबों से अच्छी मेरी खामोशी': संसद में कही गई उनकी यह पंक्ति उनके व्यक्तित्व को परिभाषित करती है।
  • बराक ओबामा का कथन: "जब मनमोहन बोलते हैं, तो दुनिया सुनती है।"

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