प्रधानमंत्री मोदी ने मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में दो युद्धपोतों
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प्रधानमंत्री मोदी ने मुंबई के नौसेना डाकयार्ड में दो युद्धपोतों और एक पनडुब्बी का किया जलावतरण
आज का भारत दुनिया में एक प्रमुख 'समुद्री शक्ति' के रूप में उभर रहा : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को मुंबई के नौसेना डाकयार्ड में दो युद्धपोतों और एक पनडुब्बी के जलावतरण के बाद कहा कि आज का भारत दुनिया
प्रमुख समुद्री शक्ति के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत विस्तारवाद नहीं बल्कि विकासवाद की भावना से काम करता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का कार्यक्रम हमारी शानदार विरासत को हमारी भविष्य की आकांक्षाओं से जोड़ता है। उन्होंने कहा कि भारत का लंबी समुद्री यात्राओं, वाणिज्य, नौसेना रक्षा और जहाज उद्योग से जुड़ा एक समृद्ध इतिहास रहा है। इस इतिहास से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने कहा आज का भारत दुनिया में एक प्रमुख समुद्री शक्ति के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा आज लॉन्च किए प्लेटफॉर्म उसी की एक झलक दिखाते हैं। प्रधानमंत्री ने चोल वंश के समुद्री कौशल को समर्पित आईएनएस नीलगिरि व सूरत युद्धपोत सहित नए प्लेटफार्मों के लांच का उल्लेख करते हुए कहा कि यह उस
प्रधानमं
नौसेना में दो युद्धपोतों और एक पनडुब्बी का शामिल होना आईओआर में भारत की ताकत का प्रमाण : राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को मुंबई के नेवल डाकयार्ड में दो युद्धपोतों और एक पनडुब्बी को भारत के समुद्री बेड़े में शामिल होने को हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में भारत की ताकत का भी प्रमाण बताया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि और पनडुब्बी आईएनएस
युग की याद दिलाता है, जब गुजरात के बंदरगाह भारत को पश्चिम एशिया से जोड़ते थे। उन्होंने कुछ साल पहले पहली पनडुब्बी कलवरी के कमीशन
बाग्शीर को नौसेना में शामिल करने की औपचारिकता पूरी की। रक्षा मंत्री ने युद्धपोत सूरत और नीलगिरी एवं पनडुब्बी बारशीर की एक साथ हो रही ऐतिहासिक कमीशनिंग को सिर्फ भारतीय नौसेना की नहीं बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में भू- रणनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा
के बाद पी75 वर्ग की छठी वाग्शीर पनडुब्बी के कमीशन का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये नए फ्रंटियर प्लेटफॉर्म भारत की सुरक्षा
कि यह क्षेत्र हमेशा से भारत के लिए महत्वपूर्ण रहा है लेकिन आज के तेजी से बदलते परिवेश में यह और भी महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा कि आज हम यह कह सकते हैं कि जो महत्व पहले अटलांटिक महासागर का हुआ करता था, वो महत्व आज शिफ्ट होकर हिंद महासागर की ओर आ गया है।
और प्रगति दोनों को बढ़ाएंगे।
उन्होंने कहा कि आज भारत पूरे विश्व और खासकर ग्लोबल साउथ में एक भरोसेमंद और जिम्मेदार साथी
के रूप में पहचाना जा रहा है। उन्होंने कहा भारत ने हमेशा खुला, सुरक्षित, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन किया है। 21वीं सदी में भारत की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने और आधुनिक बनाने के महत्व पर जो देते हुए मोदी ने कहा, 'चाहे वह जमीन हो, पानी हो, हवा हो, समुद्र हो या अनंत अंतरिक्ष हो, भारत हर जगह अपने हितों की रक्षा कर रहा है। '
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में नौसेना में 33 जहाजों और सात पनडुब्बियां शामिल की गई हैं, जिसमें 40 में से 39 नौसैनिक जहाजों का निर्माण भारतीय शिपयार्ड में किया। इसमें शानदार आईएनएस विक्रांत विमानवाहक पोत और आईएनएस अरिहंत व आईएनएस अरिघाट जैसी परमाणु पनडुब्बियां शामिल हैं। मोदी
मेक इन इंडिया अभियान को आगे बढ़ाने के लिए सशस्त्र बलों को बधाई दी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत का रक्षा उत्पादन 1.25 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है और देश 100 से अधिक देशों को रक्षा उपकरण निर्यात कर रहा है।
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