केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जवाबी हलफनामा

अप्रैल 26, 2025 - 16:29
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केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जवाबी हलफनामा


वक्फ संशोधन कानून पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जवाबी हलफनामा।
केंद्र ने कहा कि वक्फ संशोधन कानून संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन नहीं करता और इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का 'धर्मनिरपेक्ष प्रबंधन' सुनिश्चित करना है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि पहले से वक्फ के रूप में रजिस्टर्ड संपत्तियों पर इस संशोधन का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

सुप्रीम कोर्ट में स्थिति:
5 मई को मामले की सुनवाई होनी है। कोर्ट ने फिलहाल विवादित प्रावधानों पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड या वक्फ काउंसिल में कोई नई नियुक्ति फिलहाल नहीं होगी।

सरकार का पक्ष:
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया कि संसद द्वारा पारित कानून पर कुछ धाराओं के आधार पर पूरी तरह रोक लगाना उचित नहीं है। कानून बनाने से पहले लाखों लोगों से बातचीत की गई थी, और सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है।

मुख्य बिंदु:

  • वक्फ संपत्तियों पर पुराने अधिकारों को नहीं छेड़ा जाएगा।

  • फिलहाल नए विवादित प्रावधान लागू नहीं होंगे।

  • कोर्ट पूरी तरह से कानून पर रोक नहीं लगा रहा, बल्कि स्थिति स्थिर बनाए रखना चाहता है।



केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जवाबी हलफनामा
संपत्तियों के 'धर्मनिरपेक्ष प्रबंधन' के लिए है वक्फ संशोधन कानून : केंद्र
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा है ये संशोधन मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं करता है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा कि वक्फ कानून में संशोधन संपत्तियों के धर्मनिरपेक्ष प्रबंधन के लिए है। मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 5 मई को सुनवाई होनी है।
केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा है कि वक्फ संशोधन कानून किसी भी तरह से संविधान के अनुच्छेद 25 एवं 26 का उल्लंघन नहीं करता है । ये संशोधन सरकार के कार्यक्षेत्र के तहत किया गया है। केंद्र सरकार ने कहा है
कि जो संपत्तियां पहले से वक्फ के रुप में रजिस्टर्ड हैं, उन्हें बाय यूजर के प्रावधान से कोई असर नहीं पड़ेगा । ये ग़लत नैरेटिव फैलाया जा रहा है कि इससे सदियों पुराने वक्फ संपत्तियों पर असर पड़ेगा। 17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा वक्फ संशोधन
कानून के विवादित प्रावधान फिलहाल लागू नहीं होंगे। यानी फिलहाल कानून पर यथास्थिति बनी रहेगी। सीजेआई संजीव खन्ना की बेंच ने केंद्र सरकार के बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था रोक लगाने का कोई आधार नहीं हैं। आप एक ऐसा कानून रोकने जा रहे हैं जिसे संसद ने पास किया है। मैं देश के सीजे के तौर पर बहुत जिम्मेदारी से ये बात कह रहा हूं। मैंने कोर्ट की बातों पर ध्यान दिया है,
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लेकिन सिर्फ कुछ धाराओं को देख पूरे कानून पर रोक लगाना सही नहीं होगा। सरकार ने इस कानून को बनाने से पहले लाखों लोगों से बात की है, हम जनता के प्रति जवाबदेह हैं। कई गांवों की जमीन पर वक्फ ने दावा किया। कोर्ट का इस कानून पर तुरंत रोक लगाना बहुत सख्त कदम होगा। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस पूछा था क्या 1995 के कानून के तहत जो संपत्तियां वक्फ में रजिस्टर्ड हैं, उन पर अभी कोई कार्रवाई नहीं होगी। तब मेहता ने जवाब दिया था कि यह बात खुद कानून में शामिल हैं। तब चीफ जस्टिस ने कहा था कि ठीक है, लेकिन फिलहाल वक्फ बोर्ड या वक्फ काउंसिल में कोई नई नियुक्ति न की जाए। चीफ जस्टिस ने कहा था कि हमारे सामने जो स्थिति है उसके आधार पर हम आगे बढ़ रहे हैं। हम नहीं चाहते कि स्थिति पूरी तरह से बदल जाए, हम कानून पर रोक नहीं लगा रहे हैं।

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