भजनलाल कैबिनेट का बड़ा फैसला
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भजनलाल कैबिनेट का बड़ा फैसला : पूर्ववर्ती सरकार द्वारा नवगठित जिलों एवं संभागों पर लगाई अंतिम मुहर
राजस्थान में अब 41 जिले और सात संभाग
भजनलाल सरकार की शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय बनाए गए 17 में से नौ जिलों को निरस्त कर दिया। साथ ही तीन नए संभागों सीकर, पाली और बांसवाड़ा को भी निरस्त कर दिया है। इस निर्णय के बाद अब राजस्थान में 41 जिले और सात संभाग रहेंगे। भजनलाल कैबिनेट की बैठक में निरस्त होने वाले जिलों और संभागों पर अंतिम मुहर लगी है।
मंत्री सुमित गोदारा व जोगाराम पटेल ने बैठक के बाद पत्रकारों को निरस्त होने वाले जिलों और संभागों के बारे में जानकारी दी है। पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने अंतिम समय में राजस्थान में 17 नए जिले और तीन नए संभाग बनाए थे। इस निर्णय को भजनलाल सरकार ने पलटते हुए नौ नए जिलों और नए बने तीनों संभागों
कांग्रेस की एक जनवरी के बाद जनआंदोलन की चेतावनी
सरकार के नौ जिले और तीन संभागों को निरस्त करने के फैसले का कांग्रेस ने विरोध किया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने पत्रकारों को बताया ये लोकतांत्रिक, विवेकहीन और पर्ची सरकार का अब तक का सबसे गलत फैसला है। हम जनता के बीच जाएंगे और इसका विरोध करेंगे। सरकार नहीं मानती है तो हम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे। डोटासरा ने कहा कि उन जिलों में एसपी लगे है, कलेक्टर लगे हुए हैं, जिले के अन्य अधिकारी लगे हुए हैं। नए भवन बन रहे हैं। पैसे खर्च किया जा रहा है। सरकार ने एक ही झटके में सब कुछ समाप्त कर दिया। यह किसके हित में है। यह
जनता विरोधी निर्णय है। उन्होंने प्रश्न किया कि सरकार बदले की भावना से कार्रवाई करती है क्या। यह निर्णय सरकार का साल भर की विफलताओं से ध्यान भटकने का प्रयास है। डोटसरा ने कहा कि सात दिन का राष्ट्रीय शोक है इसलिए कांग्रेस कोई धरना प्रदर्शन नहीं करेंगी। एक जनवरी के बाद में हम जन आंदोलन खड़ा करेंगे व जनता के साथ कंधे से कंधे मिलाकर मांग करेंगे कि यह जिले वापस बनाएं। या तो सरकार को जिले फिर बनाने पड़ेंगे, नहीं तो इन इलाकों में भाजपा को चुनाव के लिए उम्मीदवार नहीं मिलेगा। जब राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आएगी तो इन जिलों को फिर बहाल करेंगे।
को निरस्त कर दिया है, जबकि आठ जिले यथावत रहेंगे। वहीं, राज्य में संभाग पहले की तरह सात ही रहेंगे। मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कैबिनेट बैठक में लिए निर्णय के मुताबिक दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, सांचौर जिले को निरस्त किया है। मंत्री के मुताबिक कैबिनेट बैठक में लिए निर्णय के मुताबिक बालोतरा, खैरथल-तिजारा, ब्यावर, कोटपूतली - बहरोड़, डीडवाना - कुचामन, फलोदी, डीग व संलूबर जिले यथावत रहेंगे।
कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि एसआई भर्ती का प्रकरण आज के एजेंडे में नहीं था, मामला कोर्ट में लंबित है। चुनाव से पहले नए जिले और संभाग बनाए गए थे। वह व्यवहारिक नहीं थे। वित्तीय संसाधन
व जनसंख्या के पहलुओं को अनदेखा किया।
भाजपा सरकार का निर्णय प्रतिशोध का उदाहरण: गहलोत पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बने नौ नए जिलों को रद्द करने के सरकार के फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया सामने आई है।
उन्होंने कहा हमारी
सरकार द्वारा बनाए नए जिलों में से नौ जिलों को निरस्त करने का भाजपा सरकार का निर्णय अविवेकशीलता व केवल राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण है। हमारी सरकार के दौरान जिलों का पुनर्गठन के लिए रामलुभाया समिति 2022 में बनाई थी जिसको दर्जनों जिलों के प्रतिवेदन प्राप्त समिति ने रिपोर्ट दी। इसके आधार पर नए हुए। इन्हीं प्रतिवेदनों का परीक्षण कर जिले बनाने का निर्णय किया। मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य बन गया परन्तु प्रशासनिक इकाइयों का पुनर्गठन उस अनुपात में नहीं हुआ था ।
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