भारत-चीन के बीच एलएसी पर सैन्य गश्त पर बनी सहमति

अक्टूबर 22, 2024 - 15:24
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भारत-चीन के बीच एलएसी पर सैन्य गश्त पर बनी सहमति
 
भारत-चीन के बीच एलएसी पर सैन्य गश्त पर बनी सहमति, द्विपक्षीय वार्ता का भी मार्ग खुला
ब्रिक्स से पहले भारत और चीन में सहमति
नई दिल्ली (एजेंसी) ।
भारत और चीन के बीच लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य तनातनी को समाप्त करने के लिए दोनों देशों के बीच सहमति बन गई। दोनों पक्षों में सीमा क्षेत्र में गश्त करने के बारे में समझौता हो गया है। इससे सैनिक मोर्चे पर आमने-सामने की तैनाती खत्म होगी। राजनयिक व सैन्य स्तर पर पिछले कई महीनों से जारी विचार-विमर्श के आधार पर सहमति बनी। इससे अब भारत-चीन के बीच द्विपक्षीय वार्ता का रास्ता खुल गया है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिक्स यात्रा से पूर्व आयोजित पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले कई हफ्तों में हुई चर्चाओं के परिणामस्वरूप भारत-चीन सीमा में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त व्यवस्था पर
एक सहमति बनी है। इससे अग्रिम मोर्चे पर तैनाती खत्म होगी व अंततः 2020 में जिन क्षेत्रों में मुद्दे उठे थे, उनका समाधान निकाला जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की कजान (रूस) यात्रा से ठीक पहले विदेश सचिव की ओर से यह घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पिछली द्विपक्षीय शिखर वार्ता अक्टूबर 2019 में महाबलीपुरम में हुई थी। मई 2020
में लद्दाख मे सैन्य मुठभेड़ के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हालात बिगड़ गए थे। चीन की ओर से बड़ी संख्या सैनिकों की तैनाती की गई थी, जिसके जवाब में भारत ने भी सैन्य तैनाती की थी।
गलवान घाटी में सैन्य संघर्ष में दोनों ओर से कई सैनिक हताहत हुए थे। उसके बाद कोई बड़ी झड़प नहीं हुई लेकिन अग्रिम मोर्चों पर सैन्य तैनाती के कारण संघर्ष की आशंका
ब्रिक्स में मोदी - जिनपिंग की हो सकती है द्विपक्षीय वार्ता
प्रधानमंत्री मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 23 व 24 अक्टूबर को रूस के दौरे पर रहेंगे। विदेश सचिव ने कजान में प्रधानमंत्री मोदी व राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता के संबंध में स्पष्ट जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा
बनी रही। दोनों पक्षों की ओर से सघन राजनयिक व सैनिक विचार- विमर्श के कारण कई क्षेत्रों में सैनिकों की अग्रिम तैनाती खत्म करने पर सहमति बनी। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में अग्रिम तैनाती कायम थी, जिससे तनाव की स्थिति बनी हुई थी। विदेश सचिव मिस्त्री के अनुसार अब पूरे क्षेत्र में सैनिक गश्त के तौर तरीकों पर सहमति बनी है, जिससे विवाद के सभी मुद्दों
कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता प्रस्तावित है, उनके बारे में यथासमय जानकारी दी जाएगी। राजनयिक सूत्रों के अनुसार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बनी सहमति के बाद संभावना है कि दोनों नेता ब्रिक्स शिखरवार्ता के इतर द्विपक्षीय वार्ता करें।
का समाधान हो सकेगा। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच अग्रिम मोर्चों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी हो गई है तथा मई 2020 के पहले की स्थिति कायम हो गई है। भारतीय सैन्य टुकड़ियां अब उस इलाके में गश्त कर सकेंगी, जहां वे पहले ऐसा करती थीं।

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